सेवा धर्म परम गहनो योगिनामप्यगम्यः
 
 

भारत माता के सच्चे सपूत स्वर्गीय आर.आर. मोरारका की जन्मशती पर उनके जीवन पर एक नजर

 

राजस्थान के झुंझुनूं संसदीय क्षेत्र के प्रथम सांसद, अमर जननेता, प्रसिद्ध उद्योगपति और निःस्वार्थ समाजसेवी स्व. आर.आर. मोरारका ने दूसरों के कल्याण को ही सदा अपना ध्येय बनाया और जीवन भर अपने क्षेत्र के विकास के प्रति समर्पित रहे। अब उनके सुपुत्र श्री गौतम राधेश्याम मोरारका 'सेवाज्योति' जैसे संगठन और अपने माता−पिता की पुण्य स्मृति में स्थापित दो न्यासों के माध्यम से अपने यशस्वी पिता की परंपरा को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं।

जनता के लिए समर्पित रहे

स्व. राधेश्यामजी मोरारका ने अपने बहुमुखी व्यक्तित्व के चलते विभिन्न क्षेत्रों में अपने नेतृत्व कौशल, योग्यता और सामाजिक उत्थान के प्रति अटूट समर्पण की छाप छोड़ी। उनका सपना भारत को औद्योगिक और सामाजिक दृष्टि से विकसित देशों की पंक्ति में देखने का था। वे शेखावाटी को भारत के आर्थिक−सांस्कृतिक मानचित्र पर प्रमुखता से उभरते हुए देखना चाहते थे। औद्योगिक व भारत की राष्ट्रीय राजनैतिक गतिविधियों में व्यस्त रहते हुए भी वह नियमित रूप से शेखावाटी आते रहे, यहां के नागरिकों से जुड़े रहे और तत्कालीन राज्य सरकार व केंद्र सरकार पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए क्षेत्र के विकास में प्रत्यक्ष व परोक्ष योगदान देते रहे।

विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में सशक्त उपस्थिति रखने वाले एक औद्योगिक घराने की स्थापना के अलावा उन्होंने अनेक समाजसेवी संस्थानों की स्थापना भी की। ये संस्थान उन क्षेत्रों में खोले गए, जहां वे समाज के निर्धन तबके को सर्वाधिक लाभ पहुंचा सकें, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और ढांचागत विकास के क्षेत्र में। ये संगठन आज भी अनवरत रूप से निःस्वार्थ समाज−सेवा में संलग्न हैं।

स्वाधीनता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया

स्व. श्री राधेश्यामजी मोरारका का जन्म 26 मार्च 1923 को नवलगढ़ (झुंझुनूं) में हुआ था। नवलगढ़ में आरंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद वे आगे अध्ययन के लिए मुंबई चले गए। मुंबई विश्वविद्यालय के छात्र रहते हुए ही वह देश के लिए सब कुछ अर्पित कर देने की भावना से प्रेरित होकर आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। उन्होंने 'भारत छोड़ो आंदोलन' सहित स्वाधीनता संग्राम से जुड़े विभिन्न आंदोलनों में बढ़−चढ़कर हिस्सा लिया और अनेक कष्ट सहे।

सक्रिय राजनीति में ऐसे हुआ प्रवेश

हालांकि स्वर्गीय आर.आर. मोरारका का जन्म एक व्यापारिक परिवार में हुआ था लेकिन शुरू से ही उनका झुकाव समाज सेवा की ओर था जिसकी परिणति उनके सक्रिय राजनीति में प्रवेश से हुई। 1952 में देश के पहले आम चुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर झुंझुनूं से चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से विजयी हुए। क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि जनता ने उन्हें लगातार तीन बार विजयी बनाकर संसद में भेजा। उन्होंने सन 1967 तक लोकसभा में झुंझुनूं का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद के कुछ वर्ष उन्होंने विभिन्न समाजसेवी संगठनों की स्थापना करने और उनके जरिए स्वयं समाजसेवा में सक्रिय रूप से जुड़कर बिताए। उनकी औद्योगिक गतिविधियों में भी सामाजिक कल्याण का पहलू सर्वोपरि था।

लंबा संसदीय जीवन

स्व. राधेश्यामजी मोरारका सन् 1978 में एक बार फिर संसद सदस्य बने। इस बार उन्होंने राजस्थान से संसद के ऊपरी सदन (राज्यसभा) को सुशोभित किया। वे सन 1984 तक राज्यसभा के सदस्य बने रहे। संसद में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान स्व. मोरारका कई महत्वपूर्ण संसदीय समितियों के सदस्य रहे जिनमें कंपनी (संशोधन) विधेयक 1953, आयकर (संशोधन) विधेयक, जीवन बीमा निगम विधेयक आदि शामिल हैं। 1964 में उन्हें लोकलेखा समिति का अध्यक्ष बनाया गया और वे लगातार तीन साल तक इस पद पर रहे। वह एस्टीमेट्स कमेटी के सदस्य भी रहे। सन 1979−1980 के दौरान वे राज्यसभा के उपसभापति−पैनल में भी रहे। इसी तरह, स्व. आर.आर. मोरारका ने राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति और जनरल परपज कमेटी के सदस्य का दायित्व भी कुशलतापूर्वक निभाया।

अपने लंबे राजनैतिक जीवन में उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिनमें अंतरराष्ट्रीय सांसद सम्मेलन (कैनबरा−आस्ट्रेलिया) खास तौर पर उल्लेखनीय है। उन्होंने कई देशों की यात्रा पर गए संसदीय प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व भी किया। स्व. आर.आर. मोरारका ने एक उद्योगपति परिवार से संबद्ध होने के बावजूद 'सादा जीवन, उच्च विचार' के सिद्धांत पर अक्षरशः अमल किया और अपने आदर्शों व नैतिक मूल्यों से कभी भी समझौता नहीं किया।

 

पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं सेवाभावी पुत्र श्री गौतम मोरारका

श्री गौतम मोरारका का जन्म 1 जनवरी 1962 को हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा मुंबई से पूरी की और उसके बाद श्री मोरारका ने राजस्थान के झुंझुनूं और उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में विभिन्न ट्रस्टों के माध्यम से जनसहयोग पर आधारित विकास की मिसाल पेश की है। स्व. श्री राधेश्यामजी मोरारका के सुपुत्र श्री गौतम मोरारका को अपने पिता के व्यक्तित्व के गुण, राजनैतिक−व्यावसायिक कौशल और सेवाभावना विरासत में मिली है। द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (बिजनौर) के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक श्री मोरारका अपने पिता की उज्ज्वल राजनीतिक विरासत को संभालते हुए आज भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं और पार्टी की केंद्रीय वित्त समिति के सदस्य, रहने के अलावा भाजपा की राष्ट्रीय परिषद, राष्ट्रीय कार्यकारिणी और उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अलावा श्री गौतम राधेश्याम मोरारका भाजपा के भारी उद्योग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक भी रह चुके हैं।

राजस्थान में विकास कार्यों को बढ़ा रहे हैं आगे

राजस्थान सरकार क्षेत्र के विकास में श्री गौतम मोरारका के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता प्रदान करते हुए उन्हें रिकॉर्ड सात बार प्रतिष्ठित 'भामाशाह पुरस्कार' से सम्मानित कर चुकी है। श्री गौतम राधेश्याम मोरारका का दृढ़ रुख है कि शिक्षा के प्रसार में धन की कमी नहीं आने दी जायेगी और वह अपने स्वर्गीय पिता के ध्येय 'रोजगार सृजन' की दिशा में पूरी तल्लीनता के साथ काम कर रहे हैं।

श्री गौतम आर. मोरारका को पूर्व में भी मिले हैं कई अन्य पुरस्कार

श्री गौतम मोरारका के सामाजिक क्षेत्र में योगदान को मान्यता प्रदान करते हुए सन् 2012 में दिल्ली में 'इंदिरा गांधी सद्भावना पुरस्कार' भी प्रदान किया गया तथा 2012 में ही उन्हें राजस्थान का प्रसिद्ध ‘स्वामी कृष्णानंद सरस्वती सम्मान’ भी प्रदान किया गया। श्री मोरारका ने अपने अथक प्रयासों से द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज नामक कंपनी खड़ी की जोकि उत्तर प्रदेश में तीन चीनी मिलें और डिस्टलरी संचालित करती है और अधिकतर वर्षों में पेराई का नया रिकॉर्ड बनाती है। श्री गौतम आर. मोरारका इन उपलब्धियों को विनम्रता से स्वीकारते हैं और इनका श्रेय स्थानीय जनता के समर्थन एवं आशीर्वाद को देते हैं।

ट्रस्टों के माध्यम से सेवा कार्य जारी

बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी श्री गौतम आर. मोरारका समाजसेवा के लिए कार्यरत तीन प्रमुख संस्थानों (सेवा ज्योति, आर.आर. मोरारका चैरिटेबल ट्रस्ट और नर्बदा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट) के प्रमुख भी हैं और हिंदी के अत्यंत लोकप्रिय इंटरनेट पोर्टल प्रभासाक्षी.कॉम के प्रधान संपादक भी हैं। शेखावाटी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और हस्तकलाओं को सहेजने के लिए उन्होंने सेवाज्योति हैंडीक्राफ्ट्स की भी स्थापना की है।

शिक्षा के प्रसार के लिए धन की कमी नहीं होने दी

झुंझुनूं में कई दशकों से चली आ रही मांग के बावजूद जब उचित इमारत के अभाव में राजकीय महाविद्यालय की स्थापना नहीं हुई तो उन्होंने बीड़ा उठाया और एक विशाल भवन का निर्माण करवाया। इसे 'राधेश्याम आर. मोरारका राजकीय महाविद्यालय' नाम दिया गया। इसके साथ ही क्षेत्र में उच्च स्तरीय शिक्षा संस्थान का जनता का सपना पूरा हुआ। उन्होंने नवलगढ़ में राधेश्याम मोरारका मेडिकल इन्स्टीट्यूट की स्थापना कर श्रेष्ठतम स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों तक पहुंचाई। विकास की अन्य परियोजनाओं में नवलगढ़ में विशाल बस टर्मिनल की स्थापना शामिल है। झुंझुनूं के महाविद्यालय भवन और नवलगढ़ के चिकित्सालय का विस्तार कार्य भी संपन्न हुआ है।

देखा जाये तो शेखावाटी क्षेत्र में श्रीराधेश्याम आर. मोरारका सरकारी पीजी कॉलेज बिल्डिंग का निर्माण, नवलगढ़ में श्री राधेश्याम मोरारका मेडिकल इंस्टीट्यूट, श्री राधेश्याम आर. मोरारका राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भवन और श्री राधेश्याम आर. मोरारका राजकीय रोडवेज बस टर्मिनल का निर्माण क्षेत्र की जनता की सेवा के लिए श्री गौतम आर. मोरारका के नेतृत्व में सामाजिक संस्थाओं की ओर से किये गये उल्लेखनीय कार्य हैं।

इसके अलावा, श्री राधेश्याम आर मोरारका राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मेधावी छात्र−छात्राओं को छात्रवृत्तियाँ प्रदान करना और सम्मानित करना, सेवाज्योति के सबसे महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक है। सेवाज्योति की ओर से प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्तियों का उद्देश्य छात्रों का हौसला बढ़ाना है। श्री राधेश्याम आर मोरारका स्मृति सम्मान एवं वार्षिक छात्रवृत्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत मेधावी छात्र छात्राओं को छात्रवृति प्रदान की जाती रही है। सेवाज्योति की ओर से निर्मित श्री राधेश्याम आर. मोरारका राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के भव्य भवन की गणना झुन्झुनू जिले के सबसे सुविधा सम्पन्न, सर्वोत्कृष्ट महाविद्यालयों में होती है। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने 26 मार्च 2006 को इस नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया था।

विकास कार्यों और जागरूकता अभियानों में सहयोग

ट्रैफिक पुलिस के लिए साइन बोर्डों के प्रायोजन से लेकर सांस्कृतिक उत्सवों, खेलों, हस्तशिल्प आदि के संरक्षण तक और कैंसर चिकित्सा शिविरों से लेकर विकलांग कल्याण शिविरों तक दर्जनों गतिविधियां इन संस्थानों के तत्वावधान में साल भर चलती रहती हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में योगदान

सेवाज्योति संगठन अनेक क्षेत्रों में सेवाभावी गतिविधियों का संचालन कर रहा है। केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार ''बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान'' कार्यक्रम को बहुत अधिक महत्व दे रही है। इसी क्रम में सेवाज्योति द्वारा 5 बेटियों को गोद लेकर उनकी सहायता का कार्य किया गया। वर्तमान में सेवाज्योति के द्वारा 10 बेटियों को गोद लेकर उनके भविष्य निर्माण में सहायता की जा रही है। सेवाज्योति बेटियों की शिक्षा को बहुत महत्व देती है, इस कार्यक्रम के तहत सेवाज्योति नवलगढ़ ब्लॉक के जरूरतमन्द एवं होनहार कॉलेज छात्राओं को छात्रवृति प्रदान करती है ताकि अभाव के कारण कोई छात्रा शिक्षा से वंचित ना रहे।

'स्वच्छ भारत अभियान' में योगदान

सेवाज्योति ने प्रधानमंत्री की पहल पर शुरू किए गये 'स्वच्छ भारत अभियान' को भी बहुत महत्व दिया है। इस संदर्भ में हमने नवलगढ़ तहसील के 11 विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण करवाया है। कुछ सरकारी कार्यालयों में भी ऐसे निर्माण करवाए गए हैं।

कौशल प्रशिक्षण अभियान

कौशल विकास आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। आज ऐसे युवकों की जरूरत है जो शिक्षा के साथ−साथ कोई न कोई कार्य करने में भी प्रवीण हों। सेवाज्योति की ओर से कौशल विकास कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण व प्रमाणीकरण प्रदान कर रोजगार सुनिश्चित किया गया है।

स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर

साथ ही सेवाज्योति की ओर से नवलगढ़ में प्रतिमाह निःशुल्क आई कैम्प तथा जयपुर के प्रतिष्ठित अस्पताल जैसे कि नारायणा मल्टीस्पेशिलिटि अस्पताल, हेल्थ केयर ग्लोबल मल्टीस्पेशिलिटि अस्पताल के विशेषज्ञों की सेवाएं आम जन को उपलब्ध करवायी जा रही हैं। साथ ही विशेष योग्यजन चिकित्सा शिविर और रक्तदान शिविरों का आयोजन कर क्षेत्र के ग्रामीणों का सुविधाएं प्रदान की गयी हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, ढांचागत विकास, कृषि, रोजगार, पर्यावरण, सांप्रदायिक सद्भाव, आपदा राहत, विधिक चेतना, वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम, किसान क्लब का गठन कर किसानों की क्षमता वर्धन करना, कृषक भ्रमण के माध्यम से किसानों को उन्नत तकनीकी से अवगत कराना, जल जीवन कार्यक्रम के तहत 150 गांवों में जल संचयन एवं जल प्रबन्धन पर जन जाग्रति अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करना इत्यादि कार्य इसमें शामिल हैं।

लैंगिक समानता पर जोर

सेवाज्योति लैंगिक समानता के संदर्भ में अत्यन्त गंभीर है तथा इस हेतु सेन्टर फॉर हेल्थ एण्ड सोशल जस्टिस नई दिल्ली एवं जतन संस्थान उदयपुर के संयुक्त सहयोग से झुन्झुनू जिले में लैंगिक समानता हेतु पुरुषों की भागीदारी, बाल विवाह पर रोक, भ्रूण जांच व हत्या पर रोक हेतु युवाओं को लेकर 'एक साथ अभियान' संचालित कर रहा है।

वृक्षारोपण अभियान और महिला स्वयं सहायता समूहों को सहयोग

सेवाज्योति की ओर से पर्यावरण सुधार के लिए वृक्षारोपण अभियान भी लगातार चलाये जाते हैं। इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाता है जिसके तहत सेवाज्योति ने बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूहों का गठन कर महिलाओं को इस आंदोलन के साथ जोड़ा है। इसके साथ ही लघु उद्यमिता विकास प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं को सशक्त व सक्षम करने के लिए हमारे द्वारा किये गये कामकाज को आम नागरिकों तथा प्रशासन ने दिल खोलकर सहयोग प्रदान किया है। सेवाज्योति द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों को विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा रोजगारोन्मुख गतिविधि हेतु ऋण भी दिलवाया जा चुका है।

किसान हित की चिंता

सेवाज्योति की ओर से विभिन्न रोजगार सृजन कृषि विकास योजनाओं के तहत किसानों द्वारा बनाई गई संस्था सिरोमणी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड का नाबार्ड के सहयोग से शुभारम्भ किया गया, जिसके साथ किसानों ने जुड़ कर और स्वयं का व्यवसाय शुरू कर अपनी आमदनी बढ़ायी है। कम्पनी अब तक करोड़ों रुपए का व्यवसाय कर चुकी है और सेवाज्योति कम्पनी के इस निरंतर विकास के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है।

अनेक संगठनों से जुड़े रहे हैं श्री गौतम मोरारका

श्री मोरारका केंद्र सरकार के कुछ संस्थानों से भी प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से जुड़े रहे हैं। एक ओर उन्हें केंद्र सरकार की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) की 'प्रमुख नागरिक योजना' के तहत पर्यवेक्षण का दायित्व सौंपा गया था तो दूसरी ओर वे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की संचालन परिषद के सदस्य रह चुके हैं। इसी प्रकार वे इलाहाबाद के मोतीलाल नेहरू रीज़नल कॉलेज के बोर्ड ऑफ गर्वनर्स, नेशनल कमिटी ऑफ कन्फेडरेशन ऑफ इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज, जोनल रेलवे यूजर्स कन्सल्टेटिव कमिटी आदि के सदस्य भी रहे हैं। वह उत्तराखंड योजना आयोग की तरफ से उद्योग और ऊर्जा पर स्थापित कार्यदल के भी सदस्य रहे हैं।

 

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